Kishan mahipal biography of william
कॉलेज की राजनीति और संगीत...लोकगीत गाकर दिलों में बस गए किशन महिपाल
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किशन महिपाल कहते हैं कि भविष्य में वह संगीत के क्षेत्र में ही लोक संस्कृति पर रिसर्च करेंगे और नए स्वरूप में इसे लोगों के सामने लाएंगे. वह कभी भी फूहड़ गानों को नहीं गाएंगे क्योंकि वह लोकगीतों को बढ़ाने का काम करते हैं.
लोकगायक किशन महिपाल चमोली जिले के निवासी हैं.
सोनिया मिश्रा/ चमोली. उत्तराखंड में कई लोकगायक हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोक संस्कृति का बखान कर और उत्तराखंड के लोकगीतों को गुनगुना कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उन्हीं में से एक हैं किशन महिपाल (Kishan Mahipal Songs), जिन्होंने लोकगीत गाकर अपनी पहचान बनाई है.
वह एक लोक गायक होने के साथ-साथ निर्देशक भी हैं. चमोली जिले के बद्रीनाथ के नजदीकी गांव इंद्रधारा में जन्मे किशन का जन्म भोटिया (जनजाति) परिवार में हुआ. गांव की मिट्टी में पले बड़े किशन को लोक संस्कृति और लोकगीतों की समझ बचपन से ही थी और इसी समझ ने उन्हें लोकगीत गाने के लिए उन्हें प्रेरित किया.
किशन महिपाल बताते हैं कि बचपन से ही उनका जीवन गरीबी में बीता.
उन्होंने अपनी डिग्री गोपेश्वर महाविद्यालय से पूरी की. वहां वह पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय रहे और महाविद्यालय के महासचिव बने. वह कहते हैं कि लोगों को यह तो पता था कि किशन गाता है लेकिन महासचिव बनने के बाद वह युवाओं के बीच स्टार बन गए.
2011 में सभी को खूब भायी ‘घुघुति’
किशन ने बताया कि जब उन्होंने 2011 में ‘घुघुति’ गाना गाया तो उसे पब्लिक ने खूब पसंद किया.
जिसके बाद से ‘जय बद्री विशाल’, ‘बंगाल चूड़ी’, ‘हे रूड़ी’, ‘सरूली बसंता’ जैसे कई गाने गाए, जिसकी सभी ने खूब सराहना की. किशन बताते हैं कि कॉलेज के समय से ही वह अक्सर 8 गाने सभी को सुनाया करते थे, जिसमें से ‘हे रूड़ी मिजाज रूड़ी’, ‘भज गोविंदा जी’ लोगों को खूब पसंद आता था.
कभी नहीं गाएंगे फूहड़ गीत
किशन महिपाल कहते हैं कि भविष्य में वह संगीत के क्षेत्र में ही लोक संस्कृति पर रिसर्च करेंगे और नए स्वरूप में इसे लोगों के सामने लाएंगे.
वह कभी भी फूहड़ गीतों को नहीं गाएंगे क्योंकि वह लोकगीतों को बढ़ाने का काम करते हैं. वह बताते हैं कि उन्होंने गांव-गांव जाकर ग्रामीण महिलाओं से गानों की कुछ लाइनें सुनकर उन्हें नए स्वरूप में जनता तक पहुंचाया है.
Chamoli,Uttarakhand
November 28, 2023, 20:23 IST
कॉलेज की राजनीति और संगीत...लोकगीत गाकर दिलों में बस गए किशन महिपाल
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